यद् भोज्यं ...भोक्ता ....यश्छ ....प्रकीर्तितः ....
जागृत
स्वप्न
सुषुप्ति ......एन तिन स्थानों में ...स्थूल '''''''सूक्ष्म '''''''''आनंद सद्न्यक ''''''''''
''भेदों ''''..से विभाजित हुआ ..ए क ...ही .........'''''''''भोज्य ''''''''..है .....
और वह है .........'' मै '''''''''''''''''{..यानि विश्व ...के तुम ..मेरे दोस्त ....}...एस प्रकार ''''एक '''रूप '''''
से अनुसन्ध्हन ......किये जाने त था .....द्रुश्तत्व।।।में कोई विशेषता ...''न '''''..होने के कारन ....
....वि ......श्व .......''यह'''....{..मै ..भाव में }.....तैजस प्रग्य .....नामक जो एक ...हि…भोक्त
बताया गया है
जागृत
स्वप्न
सुषुप्ति ......एन तिन स्थानों में ...स्थूल '''''''सूक्ष्म '''''''''आनंद सद्न्यक ''''''''''
''भेदों ''''..से विभाजित हुआ ..ए क ...ही .........'''''''''भोज्य ''''''''..है .....
और वह है .........'' मै '''''''''''''''''{..यानि विश्व ...के तुम ..मेरे दोस्त ....}...एस प्रकार ''''एक '''रूप '''''
से अनुसन्ध्हन ......किये जाने त था .....द्रुश्तत्व।।।में कोई विशेषता ...''न '''''..होने के कारन ....
....वि ......श्व .......''यह'''....{..मै ..भाव में }.....तैजस प्रग्य .....नामक जो एक ...हि…भोक्त
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