अन्न''वै 'प्रजापति'''स्ततो ह वै तद्रेतस्तस्मादीमः प्रजाः
प्रजायन्त इति'''
अन्न_ही_प्रजापति_है_ उसीसे_वीर्य_होता_है_और_उस_वीर्य_से_ही_प्रजा_उत्पन्न_होती_है...
त्रिस्थाणु '{ atam } और_ प्रस्थाणु_{o'bjectiv}_ सस्पर्ध_घटनक् _ विहन्ता_