Friday, 13 February 2015

स्पन्द'''''____LIGHT

निराकार__ वर्ण''व्यंजन''ल्रू..ल्रू...+ हंसो_ ह्रीं_= विभाज्य'' क्षर_{अ}_ सं..सं..{ C=karban_doy_oxaid''ल्ह्रू..ल्ह्रू..ल्ह्रू..+ सह्त्रोज्य्त्तरित_'' बी_जा_क्ष_र_= अणु..'स्नभ्ज्य_treskon'' H-2-O''
जलीय_सप्रेक्ष्य_स्थिति_व्यंजन'मात्र_से_{ मूलाधार_मेरुदन्दीय'' स्पंदनो''की''उपस्थिति_ही_ व्यंजन'गुणात्मक''द्योताकांश_''सिद्ध_''करती''है''यही'''
सृष्टि_का_मूल_उत्पादन_'सम्भाव्य' बिज_है_''------- जो'''ग्लोबल''वोर्मींग_की_क्रिवज्ज्ज्ज;;सद्न्याओ''को''प्रभावित''करता''है'''

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