Thursday, 26 February 2015

ज्ञानी'''''+

ते अग्नि अब्रुवन |जातवेद एतद विजानीहि ....|
जन्म'से'ही'जिसे'सब'समझता'हो'वह'जातवेद'''
है''' | वह ज्ञानी भी है '' ज्ञानी यह 'अद्भुत ' होता है
परन्तु''अगर द्योतक_अहंकार_का_हो_तो_वह_''सिर्फ''' सिम्मित_है'''
अग्नि'जलाने 'की'क्रिया''करता'है''किन्तु'जब'वातावरण'में'''oxijan = ब्रम्ह'तत्त्व'हो'तभी'

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