विज्योलृत........
संहिता_ + { मध्यम}
अन्षीय..त्रेक्ष्णा..है...जिसमे..
क्रमशः....९९९ 'उदात्त...स्वर
५४६३९........अ'नुदात्त ..स्वर....
२७८१९९ ......स्वरित....स्वर....
३६७२९९...... निर्ल स्वर...है
' सामवेद_कि_वित्र्ण_शाखा_अंतर्गत___ स्मुज्य'द्वित्न....{ उप्र्याम_है_
संहिता_ + { मध्यम}
अन्षीय..त्रेक्ष्णा..है...जिसमे..
क्रमशः....९९९ 'उदात्त...स्वर
५४६३९........अ'नुदात्त ..स्वर....
२७८१९९ ......स्वरित....स्वर....
३६७२९९...... निर्ल स्वर...है
' सामवेद_कि_वित्र्ण_शाखा_अंतर्गत___ स्मुज्य'द्वित्न....{ उप्र्याम_है_
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