Tuesday 5 June 2018

संस्कृत

*संस्कृतभाषा स्वयंशिक्षा की उत्तम पद्धती  (४)*
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संस्कृत लिखने के लिये देवनागरी लिपी का उपयोग करते हैं!  इसमें कुल ५२ अक्षर हैं, जिसमें १४ स्वर और ३८ व्यंजन हैं। अक्षरों की क्रम व्यवस्था (विन्यास) भी बहुत ही वैज्ञानिक है। स्वर-व्यंजन, कोमल-कठोर, अल्पप्राण-महाप्राण, अनुनासिक्य-अन्तस्थ-उष्म इत्यादि वर्गीकरण भी वैज्ञानिक हैं।

संस्कृत की एक शास्त्र शुद्ध भाषा है। भाषानां जननी संस्कृत है। यह विश्व की सबसे पुरानी उल्लेखित भाषा है।

मित्रों आज १०८ उपनिषदों का एक गद्य पद्दात्मक सिर्फ ४० मंत्र के ब्रह्मद्रष्टा स्वयं का अनुभव समझाते हैं! शुक्ल यजुर्वेद के इस निरावलंब उपनिषद मे स्वंय निर्मित ४१ प्रश्र और उनके उतर संस्कृत भाषा शिक्षा के लिये उपयुक्त हैं!

                 !!  शान्तिपाठ: !!
ॐ पूर्णमद: पूर्णमिदं पूरणात्पूर्णमुदच्यते !
     पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते !!
            ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति: !!

पहिला मंत्र -- मंगलाचरण का हैं!
शिव की गुरू वंदना और स्तुति, कौन संन्यासी - योगी! कैवल्य पद (मोक्ष) किसे प्राप्त होगा यह समझाया हैं !

तीसरा मंत्र ---- यहाँ संपूर्ण ४१ छोटे प्रश्र हैं!
१) किं ब्रम्ह!      ब्रम्ह क्या है? 
    उत्तर - चैतन्यं ब्रम्ह!        चैतन्य स्वरुप ब्रम्ह हैं!

२) का ईश्वर:!       ईश्वर कौन  है?     
     उत्तर - ईश्वर ब्रम्हादीना हैं!
 
३) को जीव:!       जीव कौन  है?     

४) का प्रकृती: !     प्रकृती क्या है?   

५) का: परमात्मा !    परमात्मा कौन  है?     

६) को ब्रम्हा !           ब्रम्हा कौन  है? 

७) को विष्णु: !          विष्णु कौन  है? 

८) को रुद्र: !             रुद्र कौन  है? 

९) का इंद्र: !              इंद्र कौन  है? 

१०) का: शमन: !       यम कौन  है? 
                 शमन: = यम

११) क: सूर्य: !            सूर्य कौन  है? 

१२) कश्र्चन्द्र: !          चन्द्र कौन  है? 

१३) के सुरा: !            देवता कौन  है? 

१४) के असुरा: !        असुर कौन  है? 

१५) के पिशाच्च: !     पिशाच्च कौन  है? 

१६) के मनुष्या: !        मनुष्य क्या  है? 

१७) का: स्त्रिय: !        स्त्रिय क्या  है?

१८) के पश्र्वादय: !     पशु आदि क्या  है?

१९) किंवा स्थावरम् !   स्थावर (जड) क्या  है?

२०) के ब्राह्मणादय: !   ब्राह्मण आदि क्या  है?

२१) का जाति: !          जाति  क्या  है?

२२) कि कर्म !             कर्म क्या  है?

२३) किमकर्म !            अकर्म क्या  है?

२४) किं ज्ञानम् !           ज्ञान क्या  है?

२५) किंमाज्ञानम् !       अज्ञान क्या  है?

२६) किं सुखम् !           सुख क्या  है?

२७) किं दु:खम् !           दु:ख क्या  है?

२८) क: स्वर्ग !              स्वर्ग क्या  है?

२९) को नरक: !           नरक क्या  है?

३०) को बन्ध: !            बंधन क्या  है?

३१) को मोक्ष: !             मुक्ति क्या है?

३२) क उपास्य:  !         उपास करने योग्य कौन है?

३३) क: शिष्य: !            शिष्य कौन है?

३४) को विद्वान् !            विद्वान् कौन है?

३५) को मूढ: !               मूर्ख कौन है?

३६) किमासुरम् !            असुरत्व क्या है?

३७) किं तप: !               तप क्या  है?

३८) किं परमं !               परमपद किसे कहते है?

३९) किं ग्राह्यम् !              ग्रहनिय क्या है?

४०) किं अग्राह्यम् !             अग्रहनिय क्या है?

४१) क: संन्यासी !             संन्यासी कौन है?

यह प्रश्र्न संस्कृत भाषा के आभ्यस हेतू लिखे है! ऐसे  उत्तम उदाहरण अनेक उपनिषदों मे उपलब्ध है! ज्ञान-विज्ञान सहित सृष्टी के रहस्य भी आपको प्राप्त होगे!

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