रक्षो हण म त्रक्शेभ्योम रक्शोहान्न्म ..
यह केवल रक्षा मांगने की अभ्भुत सज्ञ नह है यह है ..
अक ओज जो निहारिकाओ ..कि।क्रिविज ...स्ग्याओ की आर्त __त्रेक्श्नाओ ..
के सारगर्भित {..पोटेंशी }..
उपहरत ..अणि_ क्रोस्जी कर्निकाओ की ...''संपत ..''..द्दृश्नाये भी जिन्हें
उपहसित करे .....
यह वृत्ति ..भिक शुकी .....ॐ स्वस्तिनो इंद्रा व्रुदास्र्रवाहा ...
यह केवल रक्षा मांगने की अभ्भुत सज्ञ नह है यह है ..
अक ओज जो निहारिकाओ ..कि।क्रिविज ...स्ग्याओ की आर्त __त्रेक्श्नाओ ..
के सारगर्भित {..पोटेंशी }..
उपहरत ..अणि_ क्रोस्जी कर्निकाओ की ...''संपत ..''..द्दृश्नाये भी जिन्हें
उपहसित करे .....
यह वृत्ति ..भिक शुकी .....ॐ स्वस्तिनो इंद्रा व्रुदास्र्रवाहा ...
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