Saturday 28 February 2015

++++++++ मूलाधारे'षु..

अभिनवादी ''श्री'चक्र''..สวัสดีค่ะ สุขกาย สุขใจในวันพักผ่อนนะคะमें'' उद्वेतित_ संझ्क्रोशीय'''___स्थितिया'''
स्त्र्रेण....
' अत्ववादिता+ बहुध्वितिता= मूलाधार ......

Friday 27 February 2015

belleza !!!!! { भ्रम +

यह''वास्तव''में'' सोंदर्य''+  परन्तु'' विज्ज्व्मार्थारंतुम''''+ है....
क्यों?????
क्यों की आन्तरिक_द्वित'भाव''तर्ज ''कभी'' '+' नहीं_होता''' कहा''जरुर''जाता''है''की''
आन्तरिक_सुन्दरता_किन्तु_उसे_'देख.'.जान.'..ज्ञात...'{?}..यह''किसीको''नहीं''मालूम'''
केवल_''भ्रम '' +   है ....

theoris'Morning....+

take care.....




วัสดีจร้ายามเช้า'' संझ्त्रेक्ष्नाओ'''की''उत्तप्ल्लिकाए'''+ TAKE 'CARE = ' अन्झ्व्रेझ्वार्तिक'' समावर्तन'''= क्षेत्र''''
यह वर्गीकृत''ही''होगा''बेशर्त___ आप___ हर'' थेओरी ''को''' सन्झ ' गणित''क्षेत्रो''में''' रखे''' 
यह''' बहुत''आवश्यक''है''''___ अन्झ्व्रे= मोर्निंग '.........+ ' झ्वार्तिक''' = Advanced' दे....जा...वू....
समरक्ष' ही'रहेगा'''



                     

Thursday 26 February 2015

' तप +

नासदिय'सूक्त''में''कहा''गया''है''की'' सबसे'पहले'सिर्फ'ब्रम्ह्तत्व''ही''था'''फिर'उनसे''आकाश+वायु''उत्प्पन्न'हुए'
आत्मा'से'अम्भ=आकाश+वायु _अम्भ'से'मरीचि''=तेज ''निर्माण'हुआ'आकाश'में'वायुगोल=अभू
{ atmosfiyar  }'निर्माण'हुआ'उसमे''तप=तेज'निर्माण'हुआ''आगे''तप'से'ही'सर्व्कुच'उत्पन्न''हुए''|तप''से''ही''पानी+पृथ्वी''उत्पन्न''हुई ''_ पानी'''पृथ्वी''''तेज'''' यह_सर्व_मिलके_'सजीव'देह' उत्पन्न''हुए'''
शरीर''यह''पञ्च'महाभूतो''से''उत्पन्न''हुए'''शरीर''में''पञ्च'महाभूत''सहित''_चैतन्य_यह''शरीर''में''_क्र्वज्युव्ल्य_जगह''में''रहता''है'''

स्वप्न.................'वि = विशेष |भू =अस्तित्व '

स्वप्नांत जागरितान्त चोव्भो येनानुपश्यति | महान्तं विभुमात्मानं 'मत्वा ....
स्वप्न_में_हम_देखते_है_ | जागृत 'अवस्था''में''भी'''हम''देखते''है'''
इन''दोनों''अवस्था''में''हम'' देखते  ' है ____ किसके''कारण __?
'वह' आत्मा''है'' _इसे_विभु''कहते''है'''_आत्मा_यह_किसके'द्वारा'और'कब''_अस्तित्व''में''आया''
यह''किसीको''ही''नहीं''पता , 'इसीलिए'वह'विभु'कहलाता'है'

ज्ञानी'''''+

ते अग्नि अब्रुवन |जातवेद एतद विजानीहि ....|
जन्म'से'ही'जिसे'सब'समझता'हो'वह'जातवेद'''
है''' | वह ज्ञानी भी है '' ज्ञानी यह 'अद्भुत ' होता है
परन्तु''अगर द्योतक_अहंकार_का_हो_तो_वह_''सिर्फ''' सिम्मित_है'''
अग्नि'जलाने 'की'क्रिया''करता'है''किन्तु'जब'वातावरण'में'''oxijan = ब्रम्ह'तत्त्व'हो'तभी'

शक्तिपीठ'''' +

शक्तिपीठ''' की''प्रद्युत'संधार्नाये'' अक्शर'' बिन्दु...'''की''सर्ज्व ''पर''उद्वेलित''+ होती है ''
उदा _ अन्ग'अन्क्पात_अन्ग्कृव_अन्ग्स्रुज्य_अन्ग्प्वज्यु_''सभी''अ क्षेत्रीय'व्ज्य्या''पर''_आधारित''होती''
है''' अब_श्रेणी''' कृत'''निश्रेन्नी....हर... ' विभाज्ज्य''स्थिति'जनक'' प्रस्तरित'''हो''के''भी''सदृश्य''रहती''
है'''

Tuesday 24 February 2015

global..wrming..and spirichual..: गयासुर''''''''{ गय....'त्रण=stern...

global..wrming..and spirichual..: गयासुर''''''''{ गय....'त्रण=stern...:  गय = याने''' प्राण'''...  {working''methods= 'बहिर्मुखता +=गयासुर''ने''बहुत'तप&#3...

गयासुर''''''''{ गय....'त्रण=stern...

 गय = याने''' प्राण'''...
 {working''methods= 'बहिर्मुखता +=गयासुर''ने''बहुत'तप'किया '{ stellar ='उर्ध्वगामी 'निनाद = ब्रम्हाजी'प्रगट'हुए'कहा'वर''मांगो' असुर'हँसा''और  
ब्रम्हाजी से'ही '' वर मांगने कहा 'ब्रम्हाजी'बोले'' अपना''शरीर'ही''दे''दो'''
उसने'शरीर'सोप'दिया'' उसके'शरीर'पर''यदन्य''हवन''होने''लगे'' तपी_गयासुर{ MUTATION =''तपने''लगा''उठ''खड़ा''....
होने''लगा''तब'{offbeat= 'मध्य 'निनाद = विष्णु'ने'उसके'शरीर'पर'अपने'दोनों'पग''रख'दिए'{ METEOR=
तब'''ब्रम्हाजी''ने''{metaphrase=स्थाणु''लिए''वह''शांत''हुआ'''

Sunday 22 February 2015

समदृष्टि..........= 아주 멋진 사진입니다..

                       
''''     아주 멋진 사진입니다~_________
..
बहुत''अच्छी''तस्वीर'''_+ त्रेक्षक्षणा '''' सर्व'विदिव्य'''जो''' _ दृष्टी_प्रकार्न्य_+ retina....{oxijan..विद्व्यर्य'रूप''प्रेषित''होती''है'''

यह''सब'' भाषा  |  या''' प्र्भाषा | ज्वनित '' कभी'' सव्य ''

 | कभी'''भव्य''''{ वि...ह...न्ग...म....} सर्वदूर'''रहती''है''यह''तो''वह'' __ उपव्ल्ब्धि_है_जो_उप'परेषित'''प्राणों''को''''

' सद्श्त्य''ही'''रखती''है''''_______= स...म...दृ....ष्टि...

अ''सिमित ..............अहम्''तेजोस्मि....+

यह''मै'''एक''इकाई''नहीं''' वरन ''' फैलाव++++++++++++++++++++ है'''जो''' व्यापक_''तू __'''' की'''व्र्यन्ज्ज_त्रेक्षणाओ _द्वारा_उदात्त_' + + _की''रचना''युक्त''है'''
यह'' मै ''उन''हवाओ''के''साथ''उपस्थित''था''जो''बह_बह_के_पुष्टि''की''संम्ग्तो ''को''+ तुष्ट_कर''रही''थी''' मै''उपस्थित''था''उन'' आग्नेय_{ इदं ...न....मम् ....}+ आकाशीय_+ शून्य'त्रेस्त्रणा ''_,जलीय''आपः_, अदृश्य''किन्त''अ'प्रगट''पृथ्विय''तत'कणों...''के''साथ'''' यही''अ''सीमितता''ने''T _E_A_C_H__'' किया''
स्वाहान्त''व्र्जव्य'पदों''कों'' यही से शुरू''+ दिर्घ''होता''है''मेरे'' मै ''के''' सिमित'''त्रेक्षणा 'ओ''का''प्रवास''''= वर्ल्ड''इज''माय''कन्ट्री.....

सिमित ...........''अहम्'तेजोस्मि....

 माय 'कन्ट्री'' इज'''वर्ल्ड''''{ पूरा''विश्व''मेरा''देश''है'''{ वह+सिमित 'ता ''के''दायरे''में''नहीं''''वरन ''पूर्ण''त्रेज्या'युक्त''''' क्षेत्र+है ...{ सिर्फ''भू'भाग'नहीं''''
जब''यह'''विश्व'''बना''था''तब''भी''मै__{ अहम्'तेजोस्मि'''
उपस्थित_था-उन_त्रेक्षणाओ _के_साथ_''{ जिन_त्रेक्षणाओ '''ने''' भोगा_ उन_'विज्ज्य'सं'त्रेक्षणाओ''की'' उत्तलिकाओ_को_{ जो आज ''अ_व्_र्ण_नि_य_'''''' है....{ मै  ''था''उन''' अल्ट्रा'वेवोलेट''टाइम+स्पीड''post''के''साथ'''{ 

Saturday 21 February 2015

mentioned......+

Walter Zettl
Mentioned you: +SWAMISHISHU SWAMISHISHUVIDEHANAND Thank you very 

यह'''एक''{ अनेक }...त्रेक्षश्निय_ व्र्यज्विय_'स्ससाधनीय_+............ही______व्ज्य्जव्ख्यत_{ extro'creative...}...
इसमे'''सिर्फ_१_सम्भाव्य_ खतरा_ए_है_की_यह_एकदम''से'' MENTION ' niy '_भुत_होजाता_है_जिससे_अहम्'विहम''
का_समख्यातीय_प्रभाव_सामने_आकार_ हमारा_' व्यक्तित्व'''- { मायनस }कर_डेता _है_
तब_ आप_क्या_करेन्गे...?
आप_'सिर्फ''_ऊन्नत_ विज्य्ख्यातीय_ वज्र्व्यीय_{ s p e e d +...................}
हो जाना ....

अन्तरिक्ष'''''''''''---

अन्तरिक्ष'' पतला .... हो''रहा''है''''{ ? "}
' वर्ज्वनुओ'''की''सन्ह्त..त्रेक्षनाए...{ अपरिद्युत + ' अक्ष -क्षेत्र ....
साधन'''अभी'भुत''है'''' परन्तु''' साध'धन''' { डार्क_मेटर ...}...उपस्थित'तरंगो''की'''संश्लेश्नाओ'''में''''
' सध्निभुत'''है''जो''लगातार''' वर्षाव''हो''रहे''''   uL'ka   ''' केतुओ''' की''प्र्त्यांगता''में'''
संप्रेषित''शोश्निकरण'''में''' त्रस्त'''है'''....
मित्रो_ अ-वैज्ञानिको'''के''' प्रयोगों''पर''निर्भरता''ख़त्म''कर''सिर्फ'' दैविक_चिन्तन_बढाओ__

Friday 20 February 2015

Care 2 .................

Swamishishu, thank you for taking action on love your pet day.

'If having a soul means being able to feel love and loyalty and gratitude, then animals are better off than a lot of humans.'~ James Herrio

Tuesday 17 February 2015

global..wrming..and spirichual..: '' 힘내야지 ...+

global..wrming..and spirichual..: '' 힘내야지 ...+:                      यह''मुश्किल'''है''' ''' 힘내야지'''  की''''...

'' 힘내야지 ...+

                    
यह''मुश्किल'''है'''



''' 힘내야지''' 

की''''
हम''' सर्व्नुमत_प्राप्त_करे_किन्तु''' सन्झ 'trekshnao'  की''सोहोबत'''+ होती'रहे'तो''' 힘내야지 '' है ''हार'' 

ही''जायेगा'''क्यों_की_दिगन्त'प्रेश्य्मस_स्थिति_पूर्ण_ही_रहता_है_





Sunday 15 February 2015

global..wrming..and spirichual..: UNKNOWEN BRONZE AGE{YOUTUBE_PAR_VIDIO_KA_VAIDIK_J...

global..wrming..and spirichual..: UNKNOWEN BRONZE AGE{YOUTUBE_PAR_VIDIO_KA_VAIDIK_J...: Stream SWAMISHISHU SWAMISHISHUVIDEHANAND 1 सेकंड पहले   ''you all are 'stupid'and absurd people.....

UNKNOWEN BRONZE AGE{YOUTUBE_PAR_VIDIO_KA_VAIDIK_JABAB

Stream

 
''you all are 'stupid'and absurd people...
it is utter nonsense...that all gods are aliens...you first study 'the veda's' to know the ACTUAL' CONCEPT 'OF GOD....FOR THAT THING YOU MUST 'CONNECT'' TO SADGURU.

Friday 13 February 2015

वस्त्विज्य____'' O.COM....

''सृष्टि_+ होतिहुई_O.COM{झिरो''डॉट''कोंव्म}....
प्रकृति_ योनी'' बिज'''=  क्लिं..क्लिं...क्लिं...
पुरुष_प्र'योनी''बिज'''= एं..एं..एं..एं..एं....{ सार्थक''बिज'''  एं...+ श्रींम ...____प्लायुत+जो''VIKIRAN''
यह''प्लाविज्य_O{ झिरो_ही_है_''' इसके_सामने''कोई''हीरो''नहीं'''---न''वाक/ म''उपस्थ /त''स्पर्श/ प''गंध/य''पृथ्वी/ज''श्ब्द/__क..ख..ग..घ..घ्न्ग..{ haydrojan}___च..छ..ज..झ..न्ज..{ naytrojan}_प..फ..ब..भ..म...{ mithen }_य..र..ल..व्..{ carban }_श..ष..स..ह...{ oxijan }_

स्पन्द'''''____LIGHT

निराकार__ वर्ण''व्यंजन''ल्रू..ल्रू...+ हंसो_ ह्रीं_= विभाज्य'' क्षर_{अ}_ सं..सं..{ C=karban_doy_oxaid''ल्ह्रू..ल्ह्रू..ल्ह्रू..+ सह्त्रोज्य्त्तरित_'' बी_जा_क्ष_र_= अणु..'स्नभ्ज्य_treskon'' H-2-O''
जलीय_सप्रेक्ष्य_स्थिति_व्यंजन'मात्र_से_{ मूलाधार_मेरुदन्दीय'' स्पंदनो''की''उपस्थिति_ही_ व्यंजन'गुणात्मक''द्योताकांश_''सिद्ध_''करती''है''यही'''
सृष्टि_का_मूल_उत्पादन_'सम्भाव्य' बिज_है_''------- जो'''ग्लोबल''वोर्मींग_की_क्रिवज्ज्ज्ज;;सद्न्याओ''को''प्रभावित''करता''है'''

अक्शर_{ COMPOSE......+

भारतीय''दर्शन'''में''अक्शर''को'''कभी''__ नष्ट___ना''होनेवाला''तत्त्व'''माना''गया''है'''____परा_पश्यन्ति_मध्यमा__इन_तीनो_वणीयो''के''माध्यम''से''_ अक्शर+' 'अक्षरी_समवेत''आक्शोरी{जिसे_क्रिव्ज्ज_सग्याओ''में'''COMPOSE'''_कह''सकते'']__'यह'श्ब्द'+अक्शर'ब्रम्ह_है'''आगम=HUMAN| निगम=ALIEN|...सब्दिस्त्व_ यह''बर्ज''सादन्य''' सृष्टि''का''द्योतक_अंश_है_

Thursday 12 February 2015

वर्ण+'मुर्धद्न्य'कीं.....

जो_न_शिव_है_न_शक्ति_{ स्वर+ ऋ..ऋ..= शिव | ल्रू..ल्रू..= शक्ति }...
यहाँ_से-carban-monocxaid{polyution...+'' N-4{3}____.....
जो_वर्ण_शिव_एवं_शक्ति_युक्त_होते_है_वही_'सृष्टि''''{ UNIVARSAL...__निर्माण_के_लिए-जिम्मेदार_रहते_है_दोस्तों''''' जागो___ आज__ नापुसकलिंगी_''स्वर'''___जिनसे_या_जिनमे_सदा'सर्वदा''{ C-H-4| C--0--२  |..विराजमान_है__
सृष्टि_के-'TIME''_एक'जोरदार''आवाज''हुई'''{ विस्फोट+++___ 3 वर्ण_उत्प्पन्न_हुए_'अ_ऊ_म_''

global..wrming..and spirichual..: अक्चुवली.....+ लं..लं..लं..लं..लं..= ह + { के साथ}...

global..wrming..and spirichual..: अक्चुवली.....+ लं..लं..लं..लं..लं..= ह + { के साथ}...: देह'भाव'यह'_निह्रुपाधि_सादन्य''का''द्योतक''{ C-O-२ = CARBAN'DOY'OXAID'= LIFE+जो+परावर्तित&#...

अक्चुवली.....+ लं..लं..लं..लं..लं..= ह + { के साथ}

देह'भाव'यह'_निह्रुपाधि_सादन्य''का''द्योतक''{ C-O-२ = CARBAN'DOY'OXAID'= LIFE+जो+परावर्तित'होकर'' वनस्पतियों_द्वारा_{छोड़ा'गया'}-- O-२ = OXIJAN '''
' देह'पर्मयोधी 'तदद' { वर्ण'माला''में''ल्रू..ल्रू..ल्रू..ल्रू..ल्रू..= तं + { के'साथ}--स्पर्धित ---ऋ..ऋ..ऋ..ऋ..ऋ..= नं+{के'साथ }व्यक्त'स्वर'उदयप_O_=ओ{अं..अं..अं..अं..अं..' _२_= ऋ..ल्रू..{ ऑक्सीजन में..'अं'_ वर्ण'तत्त्व'स्तोम्य= stim{ भाप''बाष्प''}= मुर्धन्य्स्त_H_{haydrojan}' हं..हं..हं..हं..हं..{ यहाँ_योगी= sciencetist{वैज्ञानिक} चित्तवृत्ति_+निषेध'कर''निमिमेशीय'व्यवस्था'के'अंतर्गत_'शून्य'भाव'स्थित''हो''

global..wrming..and spirichual..: काश्यप''''ऋषी+ C'O-२

global..wrming..and spirichual..: काश्यप''''ऋषी+ C'O-२: व्रुह्दार्न्य्कोप्निश्द''''_में_अरण्यो'''निहितो''जातवेदाः'' छान्दोग्य'''----यत..अश...

काश्यप''''ऋषी+ C'O-२

व्रुह्दार्न्य्कोप्निश्द''''_में_अरण्यो'''निहितो''जातवेदाः''
छान्दोग्य'''----यत..अश्राती..यत..पिबद्भी...' अवती'..अनंत''..उत्क्रामति''{१ -२-९}'' यहाँ''देखे''प्रत्येक_श्वास_{O२ }उत्भिदित''रूप-प्रश्वास_{ C-O-२ }
क-वर्ग_का_अलग'श्वास_| ह-वर्ग_का_विलग'श्वास'{ प्रत्येक'ह'-वर्ग_में_देखे_'C-O-२{?}का'' विनिन्यास_है'''
वर्णों''का''उच्चार_५_५_बार_अन्ग्लिव्योम_स्वर_में_होता-है_'' { रं..रं..रं..रं..रं..= क +{ के साथ}...'कर्र'र्र'र्र'र्र'र्र'

रकार''''{ वर्ण''GLOBAL''WORNING''{वार्र्मिंग'''

अग्नि___________= र'''''
नाद'''+ ' क्षोभिक'' कर्नपोश{ कान +{?}....
अहम्स्व्रुपिनी'''देह_है_यह_भाव_''शक्ति''यह''नादात्मकं_एवं_ ' भ्रुन्गात्मकम..{ २ नो }...
तस्वर_{ र =' त ''वर्ग}
'' भृत्य''भ्राम'र'___ विजत'परक_ भावो_की_अभिन्यती_{व्यक्ति+...
रं..रं...रं...रं...रं...{ उपद्य_वर्ण_..' कं..कं..कं..कं..कं...'''त्वरित'त्वेत्ता''_में_ जिव''भाव'''
''हं...हं...हं...हं...हं...हं...' हंसो''हं....उपद्य_वर्ण''
''सं...सं...सं...सं..सं...' संहो'हं'''__उपद्य_वर्ण''' { त्रिन्य {णी} पदा''विचक्षने...
ब्रम्हाण्ड_के-तत्वंक्ष'''{ yunivarsal....} C'0'२ __{ श्रेनिकारक''उपद्य_ H_haydrojan'' यह''रं''वर्ण''की''
भेज्य_स्थितियों_में_' C'O-२ '_कर्बंदोय'ओक्साइड''परावर्तित_हो_'कं..कं..

निर्जन्य्ताम________________{?}

'' पूर्वाग्रहों_में_लिप्त_होकर_अनेकानेक''' सभुताये_अपना'' स्थार्नव_खो_चुकी_है_
क्यों''''?
क्यों_की_वे_'सिर्फ' बुद्धि''' पदों-तक_ही_सिमित_रहना''यह''धर्म''है''ऐसा''जानकर+मानकर_..
' तस्दाव्य'''' समाप्त'कर'चुकी''{ अपने''पैरो''पर''कुल्हाड़ी''मारना'''{ यह'कहावत+}...
मित्रो_ अर्जन्य'बुद्धि'' पद '' तो'' Limitetion '' के'' दायरों''में''सिकुड़-चुके_
तो
वे'''___ अर्स्थित्न्य_'' कर्ता''' बे_चा_रे_''
निर्जन्य्ताम'''' के''' पदों_तक+कैसे_ पहुंचेंगे_{ आदिशंकराचार्य'''' पहुँच'''चुके''थे'' तभी''न'' उन्होंने''_चा_र्वा_क_''..___ को_ जापान''चीन''का'रास्ता'पकडवा''दिया''

orgenaiz...

वन''विभिन्न''' अन्शोश्वृत्तिया''''_ तर्जाव''के''समकक्ष''उपस्थित'''रहे'''तो''''??
''दशार्व' वर्णव_''क्षेत्र'' कर्श्निभुत''होगा''ही''''
यही'''तो''अर्स्ग___ बदलाव_है_जो_ '' S_C_H_E_D_U_L_E_
विर्निगर्भ'निर्माणित''कर'' स्वयं_ समाप्त_हो_जाता_है_
'' यह ''प्रक्रिया ' + ' ___ कहलाती''है''' { जो_ वाष्प_के_विश्लेष्ण_में_' काम'आती'है'''
देखे_सामवेद_९८७३'९०...__' रानायानी'' विस्थ्म''शाखा'''}

'' विदिर्व_________________{ संख्य

''' प्रमाण___ तस्थिन्य_ व्यक्त''उदासीन''ही'' रहता''है'''यह ''लिख''के''रखे''''
'व्यक्ता_कभी_वक्तव्य_{ स्म्भ्रण' रहे''तो''ही''} नहीं''हो''सकता''
निर्बीज_की-'व्यस्त' और' मस्त' सम्पृश्तो_में_ गण्य' वागित{वग्विभ्वित+}...प्रवाह_देखने_जरुर_मिलेगा_
परन्तु ________
'' नार्मल_' अब'नार्मल_ समष्टि''पद_'' खाली'हाथो''से''ही'''
'' प्र्कान्य्कता'''''दिखाते_रहेन्गे...
आर्ष' विक्लिष्ट_विद्वानो''में''''
तत..' विज्नात'भाव''स्तब्ध_ही_रहता_है_
जो   सिर्फ_ ''O''P''T'' i ''O''N'''S'''_______ से''रहेगा'''वही'''पुस्तक_लिखेगा { पूर्वाग्रह''''छोड़कर''ही......

global..wrming..and spirichual..: निर्वेभ'''''+

global..wrming..and spirichual..: निर्वेभ'''''+:         निर्वेभ_'परीविक्ष''_सह_मन्रेवैर_निः'''_ ' सोया'हुआ'मनुष्य'जागनेपर_नूतन_जगत_पाता_है'&#3...

निर्वेभ'''''+

        निर्वेभ_'परीविक्ष''_सह_मन्रेवैर_निः'''_
' सोया'हुआ'मनुष्य'जागनेपर_नूतन_जगत_पाता_है''{ भावरूप'''+
वैसेही_ मरण''के''बाद''{ चाहे'अरबो'खरबों''पद्म''वर्ष'बित 'जाए''__
जतिस्म्रित' जन्म'के'बाद'_ जागने_जैसा_अनुभव{भूति}..होती'है''
यह_'री''साईकिल'''_ फिजिकल'बॉडी''की''होती''है''परन्तु_ आत्म'तत्त्व_
रिसाइकिल'भुत _नहीं_होता'''_वह_सनातन_ है_''' मटेरियल ''+ '' नहीं ...

Saturday 7 February 2015

global..wrming..and spirichual..: 'श्ब्द''ब्रम्ह''-संख्या'ब्रम्ह''

global..wrming..and spirichual..: 'श्ब्द''ब्रम्ह''-संख्या'ब्रम्ह'': '''तद'अदिक्शंत'जगत''प्रभु''' उपरोक्त+स्थिति_प्राप्त_{?}होने_के_पहले+साधक_को_यह_सदैव_ध्यान_रखना_चाह...

'श्ब्द''ब्रम्ह''-संख्या'ब्रम्ह''

'''तद'अदिक्शंत'जगत''प्रभु'''
उपरोक्त+स्थिति_प्राप्त_{?}होने_के_पहले+साधक_को_यह_सदैव_ध्यान_रखना_चाहिए_की_प्रमाद_न_होवे_{प्रमादी+...
अपनी''बुध्हितत्व_अवस्था+''और'''प्र्दन्या_को_''सम्प्र्दन्या_में_
विलीन+घुलिन''होने''से''रोके''{?}
संख्यांक'शब्दों''की''निर्रियत_मात्राओ_का_ध्यान-रखे_

global..wrming..and spirichual..: वाक्योहम-----' अशरणं_प्र्पद्ये....

global..wrming..and spirichual..: वाक्योहम-----' अशरणं_प्र्पद्ये....: त्रिनि__पदा_विच्क्षने....!= तत्वार्थ_त्वं______ ''बड़े--मायूस--होकर--'तेरे''कूंचे----से--निकले----''____ प्र्य...

वाक्योहम-----' अशरणं_प्र्पद्ये....

त्रिनि__पदा_विच्क्षने....!= तत्वार्थ_त्वं______
''बड़े--मायूस--होकर--'तेरे''कूंचे----से--निकले----''____
प्र्युक्त'विज्ज्वर्जी''{ पार्टिकल्स+...
आप''यहाँ''खुद''को''' सार्वभोम'मालिक''समझ'सकते'है'''_क्यों_की_'बहुधा'विप्र'वदन्ति'''______
की'''
ब्र्हत्रेक्ष्ना___'घायल'पंछी''की''भान्ति''''
स्व_स्व_में_' विचरने_जो_लगी_है_'

global..wrming..and spirichual..: μικτη τεχνικη........+++++++++द्योतक''''

global..wrming..and spirichual..: μικτη τεχνικη........+++++++++द्योतक'''': यह_सम्संधार्नाओ''का''जो''''द्योतक'अंश''है''_वह_स्त्रापित [स्थापित'''नहीं&#3...

μικτη τεχνικη........+++++++++द्योतक''''

यह_सम्संधार्नाओ''का''जो''''द्योतक'अंश''है''_वह_स्त्रापित [स्थापित'''नहीं'''!...}....वरन_'उन्झास्तादित'स्केस्त'नो'द्वारा''__रचित_एवं_'प्रचित'...
''' मिश्रित__तकनीक_''' है....
< ९२७.८८२ ...^००९ _.७५३३....+'+>'+=.....
{ विविज्ष-फार्मूला''+है''''
ब्रम्ह---जिव----सनातन------{ वाक्योहम_____________

Friday 6 February 2015

संख्यांक''''''+++

९९९९९९९९.७८६५०००. ? = { ९..श्रेणी_९..सख़_९...वियुक्ष'''_९...व्य्स्तत्मा_९....अन्ज''_९...रूद्र''_९...जिज्गव''_९.सम्भीय'''.७_याज्जू_८ यवत''
६_सम्प्रिग्व_५_अयुत_००० अ-शून्य'''.
महानुभावो'''''__यह'अयोद्भ्व''संख्याये_जेनेटिक''वर्ज''में''भी''काम_आ''सकती''है'''

''अर्व'''---अन्भियत'''....

प्रतीक''रूप''से''जब''भी''हम''
वर्गित''= 'प्र्ग्व'व''र्य'''_को_अनुम्निय_वार्ता''द्वारा'''सोच'को_अ'''भी'''म'''न्त्री''त'''______करते''{ अक्चुवल''में''यह''करने''की''बात''अहम्'भाव''प्रिल्क्षित''है'''_करने'कराने''में''क्र्वज्ज''शक्ति'''ही'''_उपस्थित'''रहती'''है''',,,,,,,}
है''''_________
'यह'अभिभावित'''व्यस्त'त्रेक्ष्नाये'''ब्र_म्हो_द_न_''' + विग्भोद्न ''' परिपूर्ण'प्रक्रिया'''को''विग्भ्व''जागृत''कराती''है''''
------------९९९९९९९९.७०००००.९७२३६५४२७८१'''       { ग्रा_ह_स्प_त्य_.....

सार________ 'अंशांश''''

''''यह'''विश्व''''___
प्र्त्यद्युमना'''+ अवहत'''__प्रारूप''' त्रेक्ष..' अवस्थाओ''की''बुनियाद'''संस'विक्र्विदानो'''से''आवृत्त'''{ ग्लोबल''ठण्ड'''______________ ''ग्लोबल'''गर्मी''''_इनको'''_विधा+क्र्वज्ज'''सद्न्याओ''द्वारा''ही'''कन्ट्रोल''किया'''जा''सकता''है''''वृक्ष''''_ ' हवनीय_पदार्थ'''_दैविक''चिन्तन'''_'दैविक''संगठन'''{ सिर्फ''बुद्धिवादी''नहीं''...}...सामूहिक''पदार्थ''भोजन'''_+युक्त''' अधिन'''सब''अध्यात्मीय''{ अनुष्ठित'''}..तो''ही''यह'''विश्व'ब्रम्हाण्ड_बच_पायेगा''''

Thursday 5 February 2015

सम्भावना''''____++++++++

संकल्प''''+
पूजा''में''मासानां _उत्तमे_अमुक'मासे'अमुक'पक्षे'.................अमुक'प्रदेशे''अमुक'क्षेत्रे''......................अहम्''करिष्यामि''''
वह''संकल्प''सीधे''देवताओ''तक''पहुँच''कर'''_कार्य_सम्प्पन्नता_की_'सम्भावनाओ''_को_जादा''बढा''देता''है''''
'' यह_वैदिक_'कोन्सेपट'_१००० %_ सिध्ह_है''''इसमे'''शब्द_+ऊर्जा+_गिगिन_त्रेक्ष'' फ्रिक्वेंसिया_''का'''द्योतक'अंश''है''''

Wednesday 4 February 2015

श्रेणी'''''और'''''शक्ति''''

सम्भ्न्ना'''+ अनिब्हस'''= स्पीड'''

यह''क्रिव्ज्ज''विधाओ''द्वारा''''_प्रेक्श्नीय+त्रेक्ष्निया'''''
सम्बन्ध''_प्र्ग्व'भासित'विधाओ''में'अनुशासित_है_
जब+मिटटी___ के_परमाणु__ 'सम 'त्रेक्षा''''होंगे''तब_ही_
उर्जाये'''
सव_
स्वरुपीय'''
'त्रस{गिगिन_}+प्ररेणु__में_बदल_कर_पायेगी_
जो_
उर्जा_
पुरेविश्व''_
को'''
प्रकाशित''करेगी'''