Monday 6 May 2013

SA YATHEMA....NADYAHA

स्यंद ..मानः ...''समुद्रय्ना ......समुद्रम ....प्रा प्या स्तं ....

निरंतर प्रवाह में बहने वाली नदिया ..जब समुद्र में विलीन हो जाती ..है तब उन का नाम रूप ...

{..जैसे गंगा ..यमुना ....यह नाम रूप }..नष्ट होकर ...''एक ..विशाल ..समुद्र ही कहलाता है ''''

उस प्रकार ..''सर्व _द्रष्टा ..''की''...१ ६ ...कलाए ...''..आर्ची /..व्य ची{..नैनो ...}/ ....त्रोटक /...नस्रु /..व्योम /...कारकाई /..च त्व /
निघसा/ ..नित्दय/ ..निदाव /..निवारिका/ ..नित्याव /...अम्भिरू ..{..इ ''ले ''क ''TRO '''न ''''..}../.अर्णव /...वार णी ....
त्रेष्ट ...{..बैनो ...}/...........''''उस '''''....भग वती '''अर्द्ध _मात्रा ''....में लीं हो जाती है 

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