Thursday 12 February 2015

निर्जन्य्ताम________________{?}

'' पूर्वाग्रहों_में_लिप्त_होकर_अनेकानेक''' सभुताये_अपना'' स्थार्नव_खो_चुकी_है_
क्यों''''?
क्यों_की_वे_'सिर्फ' बुद्धि''' पदों-तक_ही_सिमित_रहना''यह''धर्म''है''ऐसा''जानकर+मानकर_..
' तस्दाव्य'''' समाप्त'कर'चुकी''{ अपने''पैरो''पर''कुल्हाड़ी''मारना'''{ यह'कहावत+}...
मित्रो_ अर्जन्य'बुद्धि'' पद '' तो'' Limitetion '' के'' दायरों''में''सिकुड़-चुके_
तो
वे'''___ अर्स्थित्न्य_'' कर्ता''' बे_चा_रे_''
निर्जन्य्ताम'''' के''' पदों_तक+कैसे_ पहुंचेंगे_{ आदिशंकराचार्य'''' पहुँच'''चुके''थे'' तभी''न'' उन्होंने''_चा_र्वा_क_''..___ को_ जापान''चीन''का'रास्ता'पकडवा''दिया''

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