Thursday 12 February 2015

'' विदिर्व_________________{ संख्य

''' प्रमाण___ तस्थिन्य_ व्यक्त''उदासीन''ही'' रहता''है'''यह ''लिख''के''रखे''''
'व्यक्ता_कभी_वक्तव्य_{ स्म्भ्रण' रहे''तो''ही''} नहीं''हो''सकता''
निर्बीज_की-'व्यस्त' और' मस्त' सम्पृश्तो_में_ गण्य' वागित{वग्विभ्वित+}...प्रवाह_देखने_जरुर_मिलेगा_
परन्तु ________
'' नार्मल_' अब'नार्मल_ समष्टि''पद_'' खाली'हाथो''से''ही'''
'' प्र्कान्य्कता'''''दिखाते_रहेन्गे...
आर्ष' विक्लिष्ट_विद्वानो''में''''
तत..' विज्नात'भाव''स्तब्ध_ही_रहता_है_
जो   सिर्फ_ ''O''P''T'' i ''O''N'''S'''_______ से''रहेगा'''वही'''पुस्तक_लिखेगा { पूर्वाग्रह''''छोड़कर''ही......

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