Monday, 27 June 2016

Wolę jak się inac....

परिवर्तन'
+ सं'ल्ग्निकरण ...कुछ ''विलग''एवं''कुछ'अलग_अलग_...'रहते'है''
वैदिक'विस्रुन्खाल्नाओ'में' ओज्ह्स'ओह्न्झ्स'और'ओर्व्हंझ्ह्जस''' Dejhavu{ ottima } सदृश्य'''
ही''है''प्र्वादाये''{ वद नहीं....}..= Life..Line...^ Life ..Time...___ TimeLine..' नियुज्ज्य'विग्द्धाताओ''की''सन्मात्रता ' त्रय्श्किरित''ही''रहती''है'''
Wolę jak się inaczej przebierasz

Tuesday, 14 June 2016

sqbjr.........+

sqbjr
 यह' अनेक' सक्ब्ज्र ''' आधानिक'संधार्नाओ'की'{का} स्ब्क्तज्ज्र्र''= अर्थात ' बे..त..र..ती..ब...'
व्निभ्जग'' सज्ञा''है'''
बेतरतीब''इसीलिए''की''यह''पूर्ण' युनिवर्सल'ही' इसके'
हिसाब''
से''
डिजाईन
किया''हुआ'है'''

Tuesday, 31 May 2016

बन्दर_के_हाथ_में_उस्तरा...

you tube.....
में...
Can you Solve this ALien Code...
इस''यू'ट्यूब''पर''के''एक''विडिओ''पर''
हमने{मैंने} यह_कोमेन्ट_डाला_
we are ' ReaLLy ' Aliens.......{ iTs my ' ChaLLenge...

और_वास्तव_में_यह_ सच_भी_है_ ' एलियंस''कोड''' सिर्फ''हम''ही''जानते''{?} है'' क्योकि''यह''झ्र्रुक्वर्तिय= समास''की''अधनिक'विज्जना''में...
आर्ट'झ्निप्लिक''है''जो''चेष्टा''और''द्र''द्ष्टा ''
चेष्टा''के''संवृत|११९|
और''द्रष्टा''के''०००|
मन्त्र''द्रष्टा_के_तो_०००१|००१|१०१|००१|१०९०९१०९|
त्रष्ट्रा''के''१११०|०९०१११|०११९०|००००|
'अनज्ज्व्तीय''उप्वृक्षिकाओ''के''सदृश्य''तो''है''ही'''

Thursday, 26 May 2016

आवचुकवर्जन्दुआबियक = सबकुछ''नहीं''

आज''की''यह'' उपभोक्तीय''जीवन'शैली''क्या''इस''बात'का''द्योतक''नहीं''है''की'''
जल__संकट_ में_है_
यह''जल'' पहली''बार'' संकट....''में''आया'''
बराबर''है''की''विकास'जिवन''का''आवश्यक'अन्ग''है''
लेकिन'''
इसकी''कीमत''जल''से{पानी}से''चुकाना'''
यह''
अघोरी'कार्य''नहीं''है''क्या'''
इसीलिए'''  आवचुकवर्जन्दुआबियक  = सबकुछ''नहीं''
लेकिन''सबकुछ''यही'''

आवचुक = प्राचीन'जल'संस्कृति

यह'अब'यह''स्वप्न'की बाते'हो'जाएगी'क्योक'' इस'देश'में'सर्फ''९ %
ताजा''जल''है'''
अन्धाधुन्ध''पानी''का''दोहन'''
और''जल''संरक्षण''की''केवल''बाते''?
ना''तो''इसमे''प्रशासन''और''ना'ही''जनमानस'''{लोग''बाग़''}...
केवल'
उ..प...भो..ग...
जल''को''बेच''सकते''हा''लेकिन''उसका''संरक्षण''नहीं''कर''सकते'''
वा''रे'''
आव्चुक....

hfumzdsnQ'HUUMMNN...+++

सन्च्रिय''सापेक्ष्ताये''
अगर'''
की''श्रेणी''में''ना'भी''रहे'{ परन्तु''यह''होती''ही''है'''}..तो''भी''
द्रेश्कोंण'जो''की''प्रस्ज्हू ''स्थित''है''वह''अपनी'' संवेग्तोको'''
कहेगा''ही'''  hfumzdsnQ'HUUMMNN...+++ = ' संध्हनीय''''स्म्प्रेक्ष्ता'''
और''यह'''व्यापक''ह''होगी''

Wednesday, 25 May 2016

hfumn { HFFUMN}....'VRIHAD'+

HFFUMN अर्थ'''है''' 'जो''वृहद् '''है''वह'
और''वृहद्''कौन ''है''?
उतर ''सामान्य''सोच''के''भी''ऊपर''की''जो'' क्रिवज''विचारधारा{ लेकिन''यह''प्रैक्टिकल}वाली''
सम्य 'गतीय ''सामय्क 'क्षैत्र { क्षेत्र नहीं''}
यह_है_ hfumn