Tuesday 14 June 2016

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 यह' अनेक' सक्ब्ज्र ''' आधानिक'संधार्नाओ'की'{का} स्ब्क्तज्ज्र्र''= अर्थात ' बे..त..र..ती..ब...'
व्निभ्जग'' सज्ञा''है'''
बेतरतीब''इसीलिए''की''यह''पूर्ण' युनिवर्सल'ही' इसके'
हिसाब''
से''
डिजाईन
किया''हुआ'है'''

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