Shri Durga Raktambara shaktipeeth" श्रिदुर्गारक्ताम्बरा शक्तिपीठ, संस्थापक अध्यक्ष स्वामि शिशुविदेहानन्द सरस्वती तिवारी महाराज, कारंजा'लाड'(दत्त)_444105_ Karanja (Lad).Founder-President'Swamishishu SwamishishuvidehananD Sarswati Tiwari MaharaJ At post karanjaLad (datt)_444105_Dist_washim_Maharashtra india_
Here,at Karanja(lad) for "Global Warming"&"Saving Water",etc
"Anantjan AntarRashtriya chetna Abhiyan"
We had created a mantra"Om H2o Namah".
______________________________________________
कल मद्रास में प्रलय जैसा हूआ था
24_ घंटे मे 48_ सेंटी मिटर बारिश हुई
सडकें बह गयी 271_से जादालोगों' की जान गई हैं
50,000,00 लोग बेघर हो गए
सडकों
ने
झीलों की सूरत अख्तियार कर ली
( पहले यहां 160 से ज्यादा झिलें और तालाब थे, आज सिर्फ 25 ही बचें है
मानव का लालच ईसके' लिए जिम्मेवार है,
पूरे चेन्नई को
अतिक्रमण कर इन ' जलाशयों को पाट दिया गया ' )
आज वहां अवैध इमारते+ बस्तियाँ बस गई है
क्या इसके लिए केवल
प्रकृती को ही दोष दिया जाए ???
एक समय था, जब यहां अनेक तालाब थे,
अब
ऊनके
अभाव में ' आपदा ' आ रही है,
बरसात के पानी को ' बहा ' के ले जाने वाली ' नालियां ' भी
कुडे करकट कचरों के कारण
अवरूद्ध
हो गई है, ऐसी स्थिति में
पानी
जाएगा कहां और ' समाएगा ' कहां!!!!
ईस स्थिती के लिए महानगर पालिका
नगरनीयोजन' अधिकारी पुर्ण तया जिम्मेदार है,
स्मार्ट सिटी को रहने दो, पहले व्यवस्थीत सिटी तो बने (?)
समुद्र तट पर बसे शहरों में
टाऊन प्लानिंग का
व्यवस्थीत ' न ' होना ईससे' ऐसै' खतरे
बढ
जाते हैं,
' मानव निर्मित ग्लोबल वार्मिंग है यह + प्रकृती क भी '
अब लीपापोती होगी ,
Here,at Karanja(lad) for "Global Warming"&"Saving Water",etc
"Anantjan AntarRashtriya chetna Abhiyan"
We had created a mantra"Om H2o Namah".
______________________________________________
कल मद्रास में प्रलय जैसा हूआ था
24_ घंटे मे 48_ सेंटी मिटर बारिश हुई
सडकें बह गयी 271_से जादालोगों' की जान गई हैं
50,000,00 लोग बेघर हो गए
सडकों
ने
झीलों की सूरत अख्तियार कर ली
( पहले यहां 160 से ज्यादा झिलें और तालाब थे, आज सिर्फ 25 ही बचें है
मानव का लालच ईसके' लिए जिम्मेवार है,
पूरे चेन्नई को
अतिक्रमण कर इन ' जलाशयों को पाट दिया गया ' )
आज वहां अवैध इमारते+ बस्तियाँ बस गई है
क्या इसके लिए केवल
प्रकृती को ही दोष दिया जाए ???
एक समय था, जब यहां अनेक तालाब थे,
अब
ऊनके
अभाव में ' आपदा ' आ रही है,
बरसात के पानी को ' बहा ' के ले जाने वाली ' नालियां ' भी
कुडे करकट कचरों के कारण
अवरूद्ध
हो गई है, ऐसी स्थिति में
पानी
जाएगा कहां और ' समाएगा ' कहां!!!!
ईस स्थिती के लिए महानगर पालिका
नगरनीयोजन' अधिकारी पुर्ण तया जिम्मेदार है,
स्मार्ट सिटी को रहने दो, पहले व्यवस्थीत सिटी तो बने (?)
समुद्र तट पर बसे शहरों में
टाऊन प्लानिंग का
व्यवस्थीत ' न ' होना ईससे' ऐसै' खतरे
बढ
जाते हैं,
' मानव निर्मित ग्लोबल वार्मिंग है यह + प्रकृती क भी '
अब लीपापोती होगी ,
No comments:
Post a Comment