Wednesday 5 August 2015

सर्वसार...............+

एक'ने'कहा' निर्गुण_सगुण_कैसे_हो_सकता...?
' तुम_जो_पदार्थ_खा_रहे_हो_
वह_क्या_निर्गुण_है_?
क्या_ त्न्वत्र_ निर्गुण_है_
वस्तुतः... पंचतत्व_के_विज्जिनिकरण_से_ही_हर_वस्तु_ पदार्थ_
स'''गु'''ण''''___{ता}...के...विभ्दसार...होते..है....
वह_परब्रम्ह_{निर्गुण}_जो_व्यापक_था_वह_अब_ व्याप्त_{अवतार}_हो_गया_
वह'''पंचतत्व''से'''प''दा'''र्थ_____
हो उसका______विज्ज्वुत्तिकरण___हो_गया_

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