Saturday, 28 February 2015

++++++++ मूलाधारे'षु..

अभिनवादी ''श्री'चक्र''..สวัสดีค่ะ สุขกาย สุขใจในวันพักผ่อนนะคะमें'' उद्वेतित_ संझ्क्रोशीय'''___स्थितिया'''
स्त्र्रेण....
' अत्ववादिता+ बहुध्वितिता= मूलाधार ......

Friday, 27 February 2015

belleza !!!!! { भ्रम +

यह''वास्तव''में'' सोंदर्य''+  परन्तु'' विज्ज्व्मार्थारंतुम''''+ है....
क्यों?????
क्यों की आन्तरिक_द्वित'भाव''तर्ज ''कभी'' '+' नहीं_होता''' कहा''जरुर''जाता''है''की''
आन्तरिक_सुन्दरता_किन्तु_उसे_'देख.'.जान.'..ज्ञात...'{?}..यह''किसीको''नहीं''मालूम'''
केवल_''भ्रम '' +   है ....

theoris'Morning....+

take care.....




วัสดีจร้ายามเช้า'' संझ्त्रेक्ष्नाओ'''की''उत्तप्ल्लिकाए'''+ TAKE 'CARE = ' अन्झ्व्रेझ्वार्तिक'' समावर्तन'''= क्षेत्र''''
यह वर्गीकृत''ही''होगा''बेशर्त___ आप___ हर'' थेओरी ''को''' सन्झ ' गणित''क्षेत्रो''में''' रखे''' 
यह''' बहुत''आवश्यक''है''''___ अन्झ्व्रे= मोर्निंग '.........+ ' झ्वार्तिक''' = Advanced' दे....जा...वू....
समरक्ष' ही'रहेगा'''



                     

Thursday, 26 February 2015

' तप +

नासदिय'सूक्त''में''कहा''गया''है''की'' सबसे'पहले'सिर्फ'ब्रम्ह्तत्व''ही''था'''फिर'उनसे''आकाश+वायु''उत्प्पन्न'हुए'
आत्मा'से'अम्भ=आकाश+वायु _अम्भ'से'मरीचि''=तेज ''निर्माण'हुआ'आकाश'में'वायुगोल=अभू
{ atmosfiyar  }'निर्माण'हुआ'उसमे''तप=तेज'निर्माण'हुआ''आगे''तप'से'ही'सर्व्कुच'उत्पन्न''हुए''|तप''से''ही''पानी+पृथ्वी''उत्पन्न''हुई ''_ पानी'''पृथ्वी''''तेज'''' यह_सर्व_मिलके_'सजीव'देह' उत्पन्न''हुए'''
शरीर''यह''पञ्च'महाभूतो''से''उत्पन्न''हुए'''शरीर''में''पञ्च'महाभूत''सहित''_चैतन्य_यह''शरीर''में''_क्र्वज्युव्ल्य_जगह''में''रहता''है'''

स्वप्न.................'वि = विशेष |भू =अस्तित्व '

स्वप्नांत जागरितान्त चोव्भो येनानुपश्यति | महान्तं विभुमात्मानं 'मत्वा ....
स्वप्न_में_हम_देखते_है_ | जागृत 'अवस्था''में''भी'''हम''देखते''है'''
इन''दोनों''अवस्था''में''हम'' देखते  ' है ____ किसके''कारण __?
'वह' आत्मा''है'' _इसे_विभु''कहते''है'''_आत्मा_यह_किसके'द्वारा'और'कब''_अस्तित्व''में''आया''
यह''किसीको''ही''नहीं''पता , 'इसीलिए'वह'विभु'कहलाता'है'

ज्ञानी'''''+

ते अग्नि अब्रुवन |जातवेद एतद विजानीहि ....|
जन्म'से'ही'जिसे'सब'समझता'हो'वह'जातवेद'''
है''' | वह ज्ञानी भी है '' ज्ञानी यह 'अद्भुत ' होता है
परन्तु''अगर द्योतक_अहंकार_का_हो_तो_वह_''सिर्फ''' सिम्मित_है'''
अग्नि'जलाने 'की'क्रिया''करता'है''किन्तु'जब'वातावरण'में'''oxijan = ब्रम्ह'तत्त्व'हो'तभी'

शक्तिपीठ'''' +

शक्तिपीठ''' की''प्रद्युत'संधार्नाये'' अक्शर'' बिन्दु...'''की''सर्ज्व ''पर''उद्वेलित''+ होती है ''
उदा _ अन्ग'अन्क्पात_अन्ग्कृव_अन्ग्स्रुज्य_अन्ग्प्वज्यु_''सभी''अ क्षेत्रीय'व्ज्य्या''पर''_आधारित''होती''
है''' अब_श्रेणी''' कृत'''निश्रेन्नी....हर... ' विभाज्ज्य''स्थिति'जनक'' प्रस्तरित'''हो''के''भी''सदृश्य''रहती''
है'''