कल कारंजा में ,
दंगाई,,,,,,'अपने_शक्तिपीठ_के_पीछे{बाजूवाले}'भटिया...'के''घर_में_घुसे{छुपने_हेतु_}''और'वे''बार'बार'
अपना''नाम 'ले'रहेथे{ इस'भटिया'ने'ही'_साजिश_के_तहत_उन्हें_यह_करने _{कहने}_कहा'{जरुर}..
{क्यों'की'वह'और'उसके'पालेहुये'लोग_मुझे_यहाँ_से_हटाने_भगाने_2011'2012'से ही 'लगे'हुए'है....
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